बिहार लोक सेवा आयोग यानी BPSC की 70वीं PT परीक्षा को लेकर कोचिंग संचालक खान सर उर्फ फैजल खान ने बड़ा दावा किया है। खान सर ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा- BPSC की 70वीं PT परीक्षा में धांधली का सबसे बड़ा सबूत हमें मिल गया है। बिहार लोक सेवा आयोग की सारी पोल खुल गई है। अब इस परीक्षा का रद्द होना तय है। परीक्षा हर हाल में दोबारा होगी।
हमें क्या सबूत मिले?
खान सर ने कहा कि हम शुरू से ही BPSC परीक्षा में धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे थे। हम दोबारा परीक्षा कराने के लिए हाईकोर्ट भी गए थे। लेकिन हमें सबूत खोजने को कहा गया। बिना सबूत के कुछ नहीं होने वाला था। एक महीने की मशक्कत के बाद हमें सबूत मिल गए हैं।
खान सर ने कहा- लोग कह रहे थे कि खान सर BPSC परीक्षा को लेकर चुप रहे लेकिन हम लगातार काम कर रहे थे। अब हमारे हाथ जो सबूत लगे हैं, उसे हम हाईकोर्ट में पेश करेंगे। हमारे हाथ जो सबूत लगे हैं, उन्हें देखने के बाद हाईकोर्ट परीक्षा रद्द करने का आदेश जरूर देगा।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा
खान सर ने बताया कि 13 दिसंबर को BPSC की परीक्षा हुई थी। उस परीक्षा के लिए BPSC ने तीन सेट में प्रश्नपत्र तैयार किए थे। ऐसा इसलिए किया गया ताकि अगर किसी सेट का पेपर लीक हो जाए तो दूसरे सेट के प्रश्नों के साथ परीक्षा ली जा सके। 13 दिसंबर को हुई परीक्षा में इन्हीं तीन सेट के प्रश्नपत्रों में से एक का इस्तेमाल किया गया।
खान सर ने बताया कि किसी भी परीक्षा को लेकर नियम-कायदों के मुताबिक तीनों सेट में इस्तेमाल नहीं होने वाले दो सेट के प्रश्नपत्र हर जिले के कोषागार में जमा कर दिए जाते हैं। बाद में उन प्रश्नपत्रों को कबाड़ में बेच दिया जाता है क्योंकि उनका कोई उपयोग नहीं होता।
खान सर के मुताबिक उन्होंने बिहार के हर कोषागार में पता लगाना शुरू किया कि BPSC ने दो सेट के प्रश्नपत्र कहां जमा किए हैं। बिहार के हर जिले से जानकारी ली गई। पता चला कि BPSC ने नवादा और गया जिले के कोषागार में प्रश्नपत्र जमा ही नहीं किए। वहां से प्रश्नपत्र गायब थे।
कबाड़ में बेचे जाने वाले प्रश्नपत्र से ली गई परीक्षा
खान सर ने बताया कि जब उन्होंने कोषागार से गायब प्रश्नपत्र के बारे में पूछताछ की तो BPSC की सच्चाई सामने आई. दरअसल, BPSC ने 13 दिसंबर को हुई परीक्षा में बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द कर दी थी. उस केंद्र के अभ्यर्थियों की 4 जनवरी को दोबारा परीक्षा ली गई. इस परीक्षा में धांधली हुई थी.
खान सर ने दावा किया कि जो प्रश्नपत्र नवादा और गया कोषागार में जमा नहीं हुआ था, उसका इस्तेमाल 4 जनवरी की परीक्षा में किया गया. जिस प्रश्नपत्र को कबाड़ में बेचा जाना था, उसे 4 जनवरी को परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को दे दिया गया. BPSC ने बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा किया.
तीन गुना अधिक रिजल्ट घोषित किए गए
खान सर ने दावा किया कि बीपीएससी की इस हेराफेरी का परीक्षा पर बड़ा असर पड़ा। 4 जनवरी को हुई पुनर्परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की सफलता दर 19 प्रतिशत रही। यानी 100 में से 19 छात्र पास हुए। जबकि 13 दिसंबर को हुई परीक्षा में सफलता दर मात्र 6 प्रतिशत रही। यानी 4 जनवरी को परीक्षा देने वालों की सफलता दर 13 दिसंबर को परीक्षा देने वालों से तीन गुना अधिक रही।

Author: News Patna Ki
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