Bihar Education News : बिहार के चर्चित टॉपर घोटाले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। शिक्षा विभाग ने तत्काल सचिव हरिहरनाथ झा को दोषी पाते हुए उनकी पेंशन में 5% की कटौती और गुजारा भत्ता तक सीमित करते हुए उन्हें दंडित किया है। जानिए पूरी रिपोर्ट।

Bihar Education News : बिहार का चर्चित टॉपर घोटाला, जिसने पूरे देश में बिहार को शर्मसार कर दिया था। सरकार ने इसके आरोपी शिक्षा विभाग के अधिकारी को सजा दे दी है। 2016 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में टॉपर घोटाला हुआ था। उस समय यह मामला पूरे देश में सुर्खियों में रहा था। नीतीश सरकार की शिक्षा व्यवस्था की हकीकत उजागर हुई थी।
टॉपर घोटाले में शामिल अधिकारी को अब मिली सजा
टॉपर घोटाला मामले में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के तत्कालीन सचिव हरिहरनाथ झा को 1 जुलाई 2016 को निलंबित कर दिया गया था। इस बीच हरिहरनाथ झा 31 जनवरी 2017 को सेवानिवृत्त हो गए। उनके खिलाफ 10 अक्टूबर 2017 से विभागीय कार्यवाही संचालित की गई। संचालन पदाधिकारी से प्राप्त जांच रिपोर्ट की समीक्षा के बाद शिक्षा विभाग ने तत्कालीन सचिव हरिहरनाथ झा को निलंबन अवधि में सिर्फ जीवन निर्वाह भत्ता देने और 5 वर्षों तक उनके पेंशन से 5% राशि की कटौती कर दंडित करने का निर्णय लिया।
इस प्रस्ताव पर बिहार लोक सेवा आयोग ने भी सहमति जताई। इसके बाद शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सह निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी ने इस संबंध में संकल्प जारी कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि सेवानिवृत्त अधिकारी हरिहरनाथ झा के पेंशन से अगले 5 वर्षों तक 5% की कटौती की जाएगी। साथ ही निलंबन अवधि में सिर्फ जीवन निर्वाह भत्ता का भुगतान किया जाएगा।
क्या है बिहार का टॉपर घोटाला…..
मालूम हो कि 2016 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इंटर आर्ट्स की परीक्षा में वैशाली के विष्णु राय महाविद्यालय की छात्रा रूबी राय ने टॉप किया था। इसके बाद मीडिया को दिए इंटरव्यू में उसने अपने विषय पॉलिटिकल साइंस को ‘प्रोसीजरल साइंस’ बताया और कहा कि इसमें खाना बनाना सिखाया जाता है।
बच्चा राय के कॉलेज की इस प्रोसीजरल छात्रा के उक्त इंटरव्यू के बाद विवाद बढ़ गया। नीतीश सरकार की शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई सामने आने लगी। देश-दुनिया के लोगों को पता चला कि बिहार बोर्ड ने जिसे टॉपर घोषित किया है, उसे अपने विषय की जानकारी ही नहीं है। सरकार की फजीहत होने के बाद जांच कमेटी बनाई गई।
इसके बाद घोटाले की परतें खुलना शुरू हो गईं। बताया गया कि इस टॉपर घोटाले में बच्चा राय की बड़ी भूमिका निभाई गई है। बच्चा राय के कॉलेज के छात्र परीक्षा में टॉप करते थे। इस अवैध धंधे में बिहार बोर्ड के बड़े अधिकारियों की संलिप्तता साबित हुई। बिहार बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद और उनकी पत्नी समेत कई अन्य बड़े लोग भी इस घोटाले की चपेट में आए थे। बोर्ड अध्यक्ष समेत कई लोग जेल भी गए थे।
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Author: News Patna Ki
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