Bihar Election 2025 : बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) की आहट तेज हो गई है. इससे पहले नेताओं के बीच बैठकों का दौर जोरों पर शुरू हो गया है.

Bihar Election 2025 : बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में हर छोटी-बड़ी पार्टी इस चुनाव के लिए अभी से अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। इसी कड़ी में महागठबंधन के अंदर बैठकों का दौर शुरू हो गया है। बिहार के विपक्षी दल के नेता यानी तेजस्वी यादव भी दिल्ली जाकर बैठकें कर चुके हैं। इसके बाद इस बैठक को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है।
जानकारी के अनुसार, जब तेजस्वी यादव ने कल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा नेता राहुल गांधी से मुलाकात की और बिहार चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत हुई, तो कहा जा रहा है कि मामला सुलझ नहीं सका।
आरजेडी सूत्रों का कहना है कि महागठबंधन के भीतर आरजेडी इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पिछली बार के मुकाबले कुछ ज़्यादा सीटें देने को तैयार है. लेकिन इतनी सीटें कांग्रेस के लिए इतनी आसान नहीं हैं. इसलिए बात नहीं बन पा रही है.
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस का कहना है कि इस बार लोकसभा चुनाव में बिहार में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर हुआ है, इसलिए पार्टी लोकसभा सीटों के हिसाब से सीट शेयरिंग चाहती है। पार्टी का कहना है कि आरजेडी उन्हें हर सांसद के लिए 15 विधानसभा सीटें दे, यानी अगर कांग्रेस के पास चार सांसद हैं तो उन्हें विधानसभा चुनाव में 60 सीटें दी जाएं।
आरजेडी ने भी इस बैठक में कुछ ऐसा ही कहा है कि कांग्रेस से लोगों का जुड़ाव बढ़ा है. लेकिन अभी भी बिहार में उन्हें उतना जनसमर्थन नहीं मिला है, जितना आरजेडी को मिला है. ऐसे में कांग्रेस को आरजेडी की बात माननी चाहिए और उन्हें 12*4 यानी एक लोकसभा के लिए 12 विधानसभा सीटों के फॉर्मूले पर बात करनी चाहिए. इसमें एक से दो सीटें बढ़ाई जा सकती हैं. इससे ज्यादा संभव नहीं है. मतलब आरजेडी साफ तौर पर कह रही है कि इस बार महागठबंधन में कांग्रेस को अधिकतम 50 सीटें दी जा सकती हैं. उससे ज्यादा सीटें देना खतरे की घंटी साबित हो सकती है.
इधर, कांग्रेस का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में जिस तरह से बिहार में कांग्रेस के बड़े नेताओं के कार्यक्रम हुए हैं, उससे युवाओं के साथ-साथ हर वर्ग के लोगों का कांग्रेस पर भरोसा लौटा है। इसका एक नमूना लोकसभा चुनाव में देखने को मिला था। इसलिए पार्टी को बिहार में कम से कम 60 विधानसभा सीटें मिलनी चाहिए। इससे कम सीटों पर चुनाव लड़ना पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर करेगा। इसलिए पार्टी अपने फैसले पर अड़ी हुई है और बात नहीं बन पा रही है।
इधर, मंगलवार को तेजस्वी की कांग्रेस नेताओं के साथ घंटे भर चली बैठक के बाद भी इस मुद्दे पर अंतिम फैसला नहीं हो सका। हालांकि, नेता चुनावी तैयारियों और साझा एजेंडे पर सहमत दिखे। हालांकि, यह तय हुआ है कि इन मुद्दों को लेकर पार्टी एक बार फिर 17 अप्रैल को बैठक करेगी।
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Author: News Patna Ki
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