ED राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव को ईडी ने समन जारी किया है। एजेंसी ने यह समन जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में पूछताछ के लिए भेजा है। इस मामले की जांच शुरुआत में सीबीआई ने की थी, लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग एंगल के चलते ईडी की भी इस केस में एंट्री हो गई।

ED : यह मामला 2004-09 का है, जब लालू यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। अधिकारियों का कहना है कि लालू के अलावा उनके बेटे तेजप्रताप यादव और पत्नी राबड़ी देवी को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। जमीन के बदले नौकरी मामले में आज ईडी दफ्तर में राबड़ी देवी से पूछताछ हो सकती है। ईडी ने राबड़ी देवी को मंगलवार को अपने पटना दफ्तर बुलाया है। इसके साथ ही राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को भी समन जारी किया गया है
जनवरी 2024 में लालू-तेजस्वी से हुई थी पूछताछ
जमीन के बदले नौकरी मामले में 20 जनवरी 2024 को ईडी की दिल्ली और पटना टीम के अधिकारियों ने लालू और तेजस्वी यादव से 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। लालू प्रसाद से 50 से अधिक सवाल पूछे गए थे। उन्होंने ज्यादातर हां या ना में जवाब दिया। पूछताछ के दौरान कई बार लालू झल्ला भी गए थे।
वहीं, 30 जनवरी को तेजस्वी से करीब 10-11 घंटे तक पूछताछ हुई थी। आरोप है कि जमीन के बदले नौकरी घोटाले के तहत रेलवे की ग्रुप डी की नौकरी देने के बदले जमीनों की रजिस्ट्री की गई। इसके लिए भर्ती के नियमों का भी खुलेआम उल्लंघन किया गया। आरोप है कि भर्ती में शामिल लोगों या उनके रिश्तेदारों ने जमीनों को औने-पौने दामों पर बेच दिया।
लालू यादव के करीबियों और उनके परिवार ने इन जमीनों को बाजार मूल्य से एक-चौथाई तक की कीमत पर अपने नाम पर रजिस्ट्री करा ली। इस मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी और उसी के आधार पर ईडी ने भी इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। इस मामले में दोनों एजेंसियों की ओर से कई चार्जशीट दाखिल की गई हैं। एजेंसियों को लालू यादव पर मुकदमा चलाने की मंजूरी भी मिल गई है।
ईडी ने अगस्त 2024 में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें उसने कहा था कि लालू यादव के करीबी अमित कत्याल ने एके इंफोसिस्टम्स नाम की कंपनी बनाई थी। इस कंपनी के नाम पर पटना में कई जमीनें रजिस्टर्ड थीं। इन जमीनों को कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड कराने के बाद अमित कत्याल ने कंपनी की 100 फीसदी हिस्सेदारी लालू परिवार को सौंप दी। इसमें 85 फीसदी हिस्सेदारी राबड़ी देवी के नाम दिखाई गई, जबकि 15 फीसदी तेजस्वी यादव के पास गई।
दिल्ली में खरीदा गया 150 करोड़ का बंगला, ईडी ने चार्जशीट में बताया
ईडी ने कहा था, ‘जो संपत्ति एके इंफोसिस्टम्स के पास थी। उसकी सरकारी कीमत 1.89 करोड़ रुपये थी। इसके बाद भी इसकी सारी शेयर होल्डिंग महज 1 लाख रुपये में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को ट्रांसफर कर दी गई। अगर बाजार मूल्य की गणना की जाए तो एजेंसी के पास मौजूद संपत्ति की वास्तविक कीमत 63 करोड़ रुपये के करीब थी।’ ईडी की जांच में एक और कंपनी का खुलासा हुआ था।
उस कंपनी का नाम एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड है। ईडी के मुताबिक इस कंपनी में तेजस्वी की 98.25 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि उनकी बहन चंदा यादव 1.75 फीसदी की शेयरधारक हैं। इस कंपनी के नाम पर 5 करोड़ रुपये की कीमत दिखाकर दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक बंगला खरीदा गया था।
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Author: News Patna Ki
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