Fake Document : संभल पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड गिरोह के लिए पोर्टल बनाने वाले हरदोई के एक पॉलिटेक्निक छात्र को गिरफ्तार किया है। आरोपी चैटजीपीटी से कोडिंग सीखकर फर्जी वेबसाइट बनाता था। इसके बाद वह उन्हें गिरोह को 1500-2000 रुपये में बेच देता था। पुलिस को पूछताछ में कई अन्य लोगों के नाम भी पता चले हैं।

Fake Document : फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के लिए काम करने वाले हरदोई के सुरसा थाने के गुरेही गांव निवासी पॉलिटेक्निक छात्र प्रियांशु तिवारी (20) को संभल पुलिस ने बुधवार को हरदोई से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पोर्टल बनाकर गिरोह को मुहैया कराता था।
एएसपी अनुकृति शर्मा ने बताया कि आरोपी छात्र आधार कार्ड से जुड़े उपकरणों में बदलाव करता था और जाली दस्तावेज तैयार कर आधार के मूल डेटाबेस में फर्जी और अवैध बदलाव करता था। उसने आधार, जन्म प्रमाण पत्र और पासपोर्ट से जुड़े बदलाव करने के लिए एक पोर्टल भी मुहैया कराया था।
उन्होंने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह फिलहाल रेवाड़ी में रहता है। उसने यहीं से हाईस्कूल की पढ़ाई भी पूरी की है। आरोपी ने बताया कि उसने इंटरनेट के जरिए कोडिंग सीखी और चैट जीपीटी इन कोडिंग की मदद से वेबसाइट और पोर्टल डिजाइन करना शुरू किया।
दो साल पहले उसने एक आधार कार्ड सेंटर पर काम किया था और वहीं से उसने आधार कार्ड में फर्जी बदलाव करने के बारे में सब कुछ सीखा। इसके बाद वह ऐसे लोगों के संपर्क में आया जो बदलाव करते हैं। इसके बाद उसने पोर्टल बनाकर उन्हें बेचा।
एएसपी ने बताया कि गिरोह से मैसेज के जरिए संपर्क होता था। आरोपी छात्र के मुताबिक उसे वेबसाइट और पोर्टल के लिए कोड डिजाइन करने के लिए 1500 से 2000 रुपए मिलते थे। इसी लालच में वह लोगों की डिमांड पर पोर्टल बनाता रहा। इसकी डिमांड लगातार बढ़ती जा रही थी। एएसपी ने बताया कि आरोपी ने कई लोगों के बारे में जानकारी भी दी है। उनकी भी जांच की जाएगी।
फर्जी आधार कार्ड गिरोह के चार सदस्य पहले भी जा चुके हैं जेल
एएसपी ने बताया कि आधार कार्ड में फर्जी बदलाव कर उम्र कम करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। जिला बदायूं के थाना उज्जियानी के गांव अनौला निवासी आशीष, वैनी नगला निवासी धर्मेंद्र, निजामपुर निवासी रौनक और दिल्ली के तिमारपुर के बजीरबाद निवासी कासिम शामिल हैं।
तिवारी सॉल्यूशन के नाम से ग्रुप को दी थी फर्जी पहचान
एएसपी के मुताबिक, आरोपी छात्र ने बताया कि उसने फर्जी आधार कार्ड बनाकर आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र और पासपोर्ट के लिए पोर्टल बनाकर आयु सुधार गिरोह के सदस्य आशीष को दिए थे। उसने बताया कि, हमारी भाषा में इसे प्रिंट पोर्टल कहते हैं।
इन पोर्टल के जरिए ये लोग फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें सेव कर लेते थे और जरूरत पड़ने पर आधार कार्ड में बदलाव कर देते थे। छात्र ने बताया कि वह करीब 3 साल से यह काम कर रहा है। साथ ही अलग पहचान बनाने के लिए उसने अपने ग्रुप का नाम तिवारी सॉल्यूशन रखा हुआ था।
ताकि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके और उन्हें काम मिल सके और लाभ मिल सके। उसने बताया कि उसने आशीष, रौनक, धर्मेंद्र और कासिम को उनकी मांग पर पोर्टल दिए थे।
पंचम सिंह के दो आधार कार्ड मिले तो हुआ मामला उजागर
गांव बहरौली ताहरपुर निवासी चंद्रसेन की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें थाना धनारी के गांव भागनगर निवासी विनोद ने अपने मरते हुए बेटे के नाम से धोखाधड़ी कर ट्रैक्टर खरीद लिया। इसके बाद जब बेटे की मौत हो गई तो उसने ट्रैक्टर को अवैध तरीके से बेच दिया।
इसके अलावा विनोद ने अपने पिता पंचम सिंह के दो आधार कार्ड धोखाधड़ी से बनवाकर उनकी उम्र 21 साल कम कर दी थी। बाद में आरोपी विनोद ने पीएमजेजेवाई योजना की पॉलिसी लेकर इसका फायदा उठाया। पूरे मामले में थाने में आरोपी विनोद के नाम से रिपोर्ट दर्ज कराई गई और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पूरे मामले की गहनता से जांच की गई और आधार कार्ड में फर्जी बदलाव करने वालों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
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Author: News Patna Ki
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