Patna High Court : पटना उच्च न्यायालय 7 मार्च, 2025 को बिहार राज्य में मानसिक स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं से संबंधित एक मामले की सुनवाई करेगा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ को राज्य सरकार ने बताया कि..
Patna High Court : पटना उच्च न्यायालय में बिहार राज्य में मानसिक स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं से संबंधित मामलों की सुनवाई 7 मार्च 2025 को होगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि सारण प्रमंडल में मेडिकल हेल्थ रिव्यू बोर्ड का गठन किया गया है। यह जनहित याचिका अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय ने दायर की है।
इस जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि सारण प्रमंडल में न तो कोई मेडिकल कॉलेज है और न ही कोई मनोचिकित्सक। बताया गया कि सभी प्रमंडलों में मेडिकल हेल्थ रिव्यू बोर्ड का गठन किया गया है, लेकिन अब सारण प्रमंडल में इसके गठन के साथ ही राज्य के सभी प्रमंडलों में बोर्ड का गठन हो गया है।
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इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मानसिक स्वास्थ्य समीक्षा बोर्ड की रिपोर्ट याचिकाकर्ता, केंद्र और राज्य सरकार को देने का निर्देश दिया था। राज्य के विभिन्न जिलों में मानसिक स्वास्थ्य समीक्षा बोर्ड गठित किए गए थे। जिसमें संबंधित जिला जजों द्वारा रिपोर्ट भेजी जानी थी।
याचिकाकर्ता की अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय ने बताया था कि सभी जगहों से रिपोर्ट आ गई है। दरभंगा से भी रिपोर्ट आई है। अब सारण प्रमंडल में मेडिकल हेल्थ रिव्यू बोर्ड का गठन कर दिया गया है। अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय ने बताया था कि अब विभिन्न जिलों से प्राप्त रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इस मामले में काफी कार्रवाई की है। सिर्फ फंड मुहैया कराने के मुद्दे पर कार्रवाई होनी है। पूर्व में इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से राज्य में मानसिक स्वास्थ्य समीक्षा बोर्ड के गठन को लेकर प्रगति रिपोर्ट मांगी थी।
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इस बोर्ड का गठन पूरे राज्य में प्रमंडल स्तर पर किया जाना था। राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि नई नियमावली बना दी गई है। कोर्ट ने राज्य सरकार को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ता की अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय ने बताया था कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत राज्य के 38 जिलों में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम चल रहा है। लेकिन इसमें कर्मचारियों की संख्या अपर्याप्त है।
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कोर्ट को यह भी बताया गया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत हर राज्य में मानसिक बीमारी के अध्ययन और इलाज के लिए कॉलेज है। लेकिन बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है जहां मानसिक बीमारी के अध्ययन और इलाज के लिए कोई कॉलेज नहीं है। इस मामले पर अगली सुनवाई 7 मार्च 2025 को होगी।

Author: News Patna Ki
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