Bihar News : बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। राज्य में कहीं भी शराब पीना या इससे जुड़ा कोई भी कारोबार करना अवैध और गैरकानूनी माना जाता है। इसके बावजूद इस कानून की हकीकत हर दिन कहीं न कहीं से देखने को मिल ही जाती है। इसी सिलसिले में कैमूर से एक ताजा मामला सामने आया है। जहां उत्पाद विभाग की पुलिस और शराब तस्करों के बीच सांठगांठ का खुलासा हुआ है।
आपको बता दें, यहां शराब तस्करी के मामले में गिरफ्तार शराब तस्करों को कोर्ट से जमानत इसलिए मिल रही है क्योंकि उत्पाद पुलिस ने 90 दिनों के अंदर उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की है. खास बात यह है कि उत्पाद पुलिस द्वारा ऐसा सिर्फ एक मामले में नहीं किया गया है, बल्कि हाल ही में चार मामलों में ऐसा ही देखने को मिला है जहां शराब तस्करों को कोर्ट से जमानत इसलिए मिल गई है क्योंकि उत्पाद विभाग ने 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं की है.
इतना ही नहीं कोर्ट ने उत्पाद अधीक्षक को भी इसकी जानकारी दी है. इसके बाद भी इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई और ऐसे में ये शराब माफिया बड़े ही आसानी से जमानत लेकर बाहर आ रहे हैं. लिहाजा अब उत्पाद कोर्ट द्वितीय के विशेष न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार तिवारी ने इस मामले को लेकर कैमूर DM को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है.
इस पत्र में विशेष न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार तिवारी ने कहा है कि उत्पाद थाना कांड संख्या 830/2024 में शराब तस्करी के आरोपी मनीष कुमार उर्फ चंदन कुमार और उत्पाद थाना कांड संख्या 877/2024 में शराब तस्करी के आरोपी मनीष कुमार और रोशन कुमार के खिलाफ अनुसंधानकर्ता मंजू कुमारी और पवन कुमार राय ने 90 दिनों में कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित नहीं किया.
इसके कारण उन्हें धारा 167(2) के तहत जमानत दे दी गयी. इसी तरह पूर्व के दो मामलों में भी तय समय के अंदर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल नहीं किये जाने के कारण आरोपियों को जमानत दे दी गयी. जबकि इन मामलों में अनुसंधानकर्ताओं की लापरवाही की जानकारी उत्पाद अधीक्षक को दी गयी थी. लेकिन, इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इससे यह स्पष्ट होता है कि उत्पाद अधीक्षक के संरक्षण में अनुसंधानकर्ता समय पर जांच पूरी नहीं कर रहे हैं और शराब तस्करों को लगातार मदद पहुंचा रहे हैं.
इधर, DM सावन कुमार ने बताया कि उक्त मामले को काफी गंभीरता से लिया गया है और अनुसंधानकर्ता को निलंबित करने तथा उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। इसके अलावा अन्य लोग जो भी दोषी हैं उनके विरुद्ध भी कार्रवाई करने के लिए उत्पाद विभाग को पत्र लिखा गया है।

Author: News Patna Ki
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