Bihar Politics : ललन सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि जनता दल यूनाइटेड संसद में अपना रुख स्पष्ट करेगी।

Bihar Politics : केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अंदर मतभेद उभर कर सामने आ गए हैं। एक तरफ जहां पार्टी के वरिष्ठ नेता ललन सिंह ने बिल पर पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि पार्टी संसद में अपनी राय रखेगी, वहीं दूसरी तरफ पार्टी के एमएलसी गुलाम गौस और पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम ने बिल का कड़ा विरोध किया है.
इस विरोधाभासी स्थिति ने जेडीयू के अंदर राजनीतिक खींचतान को उजागर कर दिया है. जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सांसद ललन सिंह ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है और कहा है कि नीतीश कुमार को कांग्रेस पार्टी से धर्मनिरपेक्ष होने का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले बीस सालों में मुसलमानों के हक और विकास के लिए काफी काम किया है. ललन सिंह ने कहा कि कांग्रेस को खुद को देखने की जरूरत है कि उन्होंने क्या किया है. इसके साथ ही ललन सिंह ने यह भी साफ किया कि जनता दल यूनाइटेड संसद में अपना रुख स्पष्ट करेगी.
पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम ने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया है और कहा है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की है कि वे इस बिल को संसद में पारित न होने दें। उनका मानना है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ है।
उन्होंने सरकार से इस बिल को वापस लेने की मांग की। करीम ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से भी बिल पर समर्थन वापस लेने का आग्रह किया है। अशफाक करीम के इन बयानों से साफ है कि वह इस बिल को लेकर काफी चिंतित हैं और इसे मुस्लिम समुदाय के लिए नुकसानदेह मानते हैं।
गुलाम गौस जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के विधान पार्षद हैं। उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया है। गुलाम गौस ने साफ तौर पर कहा है कि उनकी पार्टी वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस बिल को वापस लेने की मांग की है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि देश को आंदोलन की भट्टी में न झोंकें और जिस तरह किसान बिल वापस लिया गया, उसी तरह इस बिल को भी वापस लिया जाए गुलाम गौस ने यह भी कहा है कि नीतीश कुमार इस बिल से संतुष्ट नहीं हैं और अगर वे संतुष्ट होते तो तीन सुझाव क्यों भेजते. गुलाम गौस ने भूमि मामलों में राज्यों की सहमति और पुराने मुस्लिम धार्मिक स्थलों में दखल न देने की बात कही है.
नीतीश कुमार ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर कोई सीधा बयान नहीं दिया है, लेकिन उनकी पार्टी जेडीयू के नेताओं के बयानों से साफ है कि उनकी पार्टी इस बिल को लेकर बंटी हुई है. पार्टी के कुछ नेता इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ इसका विरोध कर रहे हैं.
जेडीयू ने वक्फ संशोधन बिल के मसौदे में बदलाव के लिए कई सुझाव दिए थे, जिनमें से कुछ को मान लिया गया है. जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने कहा है कि नीतीश कुमार इस बिल से संतुष्ट नहीं हैं, वरना वे तीन सुझाव नहीं भेजते. गुलाम गौस का यह भी कहना है कि नीतीश कुमार ने अभी तक इस पर अपना पक्ष नहीं रखा है.
जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा है कि उनकी पार्टी इस बिल का समर्थन करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बिल गरीब और पसमांदा मुसलमानों के हित में है.
प्रशांत किशोर ने कहा है कि इस कानून के लिए भाजपा से ज्यादा नीतीश कुमार जैसे नेता जिम्मेदार होंगे। इसलिए नीतीश कुमार की निजी राय स्पष्ट नहीं है, लेकिन उनकी पार्टी के नेताओं के बयानों से पता चलता है कि वे इस मुद्दे पर सतर्कता बरत रहे हैं।
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Author: News Patna Ki
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