Bihar Samastipur Crime बिहार के समस्तीपुर में घरेलू झगड़े के बाद पत्नी ने पति को जहर देकर मार डाला। मासूम बच्चों ने चश्मदीद बनकर पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी दी।

Bihar Samastipur Crime : बिहार के समस्तीपुर जिले के घाटो थाना क्षेत्र के मुसापुर पंचायत में एक खौफनाक घरेलू घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार की रात पति-पत्नी के बीच झगड़े ने इस कदर तूल पकड़ लिया कि पत्नी ने कथित तौर पर पति को जहर देने की कोशिश की। पीड़ित पति विक्रम कुमार जो पेशे से निर्माण मजदूर है, फिलहाल गंभीर हालत में एक निजी अस्पताल में भर्ती है।
मां ने चाकू दिखाकर पिता को पिलाया जहर
इस घटना के गवाह विक्रम के मासूम बच्चों 3 वर्षीय आर्यन और 5 वर्षीय अनुष्का ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपनी मां विभा देवी को अपने पिता की छाती पर बैठकर उन्हें जहर पीने के लिए मजबूर करते देखा। बच्चों ने यह भी बताया कि मां ने पिता को चाकू दिखाकर धमकाया और संभवत: चाकू भी घोंपा। हालांकि पुलिस को विक्रम के शरीर पर चाकू के जख्म के कोई स्पष्ट निशान नहीं मिले हैं, जिससे मामले की जटिलता और बढ़ गई है।
ठोस सबूत नहीं, लेकिन आरोप गंभीर
स्थानीय पुलिस को सूचना मिलते ही विक्रम को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। घटना के बाद पीड़ित की मां ज्योति देवी ने अपनी बहू के खिलाफ मामला दर्ज कराया और आरोप लगाया कि विभा का किसी और से अवैध संबंध है और वह उसके बेटे को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही थी। वहीं एसडीपीओ विवेक कुमार शर्मा ने मीडिया को बताया कि अभी तक की जांच में विभा के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। उनका यह भी मानना है कि विभा के खिलाफ पुराने घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के मामले को वापस लेने के दबाव में यह मामला दर्ज कराया गया हो सकता है।
पति का दावा: घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध है
पीड़ित विक्रम कुमार का दावा है कि उसने पूरी घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग बनाई है, जिससे मामले की सच्चाई सामने आ सकती है। हालांकि, यह वीडियो अभी भी पुलिस की जांच के दायरे में है और इसकी सत्यता की पुष्टि होनी बाकी है। बच्चों के बयान और विक्रम के आरोप एक-दूसरे का समर्थन करते नजर आ रहे हैं, लेकिन भौतिक सबूतों की कमी पुलिस को किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचने से रोक रही है।
घरेलू हिंसा के प्रति समाज को सचेत रहने की जरूरत
यह घटना न केवल घरेलू हिंसा की क्रूर तस्वीर पेश करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि ऐसे मामलों में बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य और परिवार का सामाजिक ताना-बाना किस तरह से टूटता है। पुलिस जांच के निष्कर्ष जो भी हों, यह स्पष्ट है कि ऐसे मामलों को गंभीरता और निष्पक्षता से देखने की जरूरत है। समाज और कानून को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि सच्चाई सामने आए और न्याय हो, चाहे आरोपी कोई भी हो।
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Author: News Patna Ki
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