Bihar School News : बिहार के मुंगेर जिले में नौवीं कक्षा के संस्कृत के पेपर में इस्लाम से जुड़े पांच सवाल पूछे गए हैं। इसके बाद सनातन धर्म के लोगों ने इस मुद्दे पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या अब बिहार में हमें उर्दू पढ़नी होगी और नमाज संस्कृत में पढ़नी होगी।

Bihar School News : बिहार में हर दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म रहता है. अब चूंकि चुनावी साल है तो लोग हर छोटे मुद्दे को बड़ा बनाकर परोसने में लगे हैं. इन सबके बीच इन दिनों राज्य में शिक्षा विभाग की खूब चर्चा हो रही है. इसकी वजह विभाग के अपर मुख्य सचिव के दावों और उनकी हकीकत में भारी अंतर है.
अब ऐसा ही मामला मुंगेर से आया है. इन दिनों राज्य में हाईस्कूल में नौवीं क्लास के बच्चों की तिमाही परीक्षा चल रही है. ऐसे में अब राज्य में संस्कृत विषय के प्रश्न में इस्लाम से जुड़े एक-दो नहीं बल्कि पांच सवाल पूछे गए हैं. इसके बाद अब सनातन संस्कृति को मानने वाले लोगों में आक्रोश की भावना फैल गई है.
उनका कहना है कि अब बिहार सरकार और शिक्षा विभाग चाहता है कि हम संस्कृत विषय में उर्दू और नमाज पढ़ें. इन लोगों का कहना है कि जब राज्य में उर्दू स्कूल है और उसके लिए अलग से शिक्षक भी नियुक्त हैं तो फिर संस्कृत विषय में उर्दू या इस्लाम से जुड़े सवाल शामिल करने की क्या जरूरत है.
यह हिंदू समाज की दिव्य भाषा है, इसमें किसी भी तरह का बदलाव उचित नहीं है। संस्कृत विषय में उर्दू के प्रश्न को शामिल करना न्यायोचित नहीं है। लोगों का कहना है कि संस्कृत विषय में इस्लाम से संबंधित प्रश्न पूछने का क्या औचित्य है। क्या सरकार संस्कृत को भी इस्लामिक बनाने की कोशिश कर रही है?
लोगों ने कहा कि संस्कृत के प्रश्नपत्र में ऐसे प्रश्न शामिल करने वालों की पहचान कर कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या मस्जिद में रामायण आदि पढ़ाई जाती है? अगर नहीं तो संस्कृत पढ़ने वाले छात्र इस्लाम से संबंधित प्रश्नों का उत्तर कैसे दे पाएंगे। संस्कृत विषय में ऐसे प्रश्न शामिल करके सरकार लोगों में पक्षपातपूर्ण मानसिकता फैला रही है।
सनातन धर्म के लोगों को ऐसे प्रश्नों पर आपत्ति है:-
- फितरा कब और किसे दिया जाता है?
- रोजा रखने वाले लोग पूरे दिन क्या करते हैं?
- ईद के मौके पर दिए जाने वाले दान को क्या कहते हैं?
- रमजान में किसका रोजा रखा जाता है?
- ईद में कौन सा व्यंजन प्रमुख होता है?
इधर, वेदाचार्य ब्रजेश कुमार मिश्रा ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि आज 9वीं क्लास की संस्कृत विषय की परीक्षा आयोजित की गई है. जिसमें कुल पांच सवाल इस्लाम धर्म से जुड़े हैं. संस्कृत पढ़ने वाले छात्र ऐसे सवालों का जवाब कैसे दे पाएंगे.
क्या ऐसा हो सकता है कि उर्दू के प्रश्नपत्र में पूछा जाए कि आप राजाराम के जीवन पर टिप्पणी करें या शुभासितानी या नीतीशलोक से पूछा जाए. उन्होंने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था कैसी है और इस सवाल को बनाने वाले लोग कौन हैं और उनकी मंशा क्या है.
क्या सरकार हिंदू धर्म को खत्म करना चाहती है. आपको बता दें कि 9वीं क्लास के संस्कृत में प्युषाम नाम का एक चैप्टर है जिसमें इस्लाम धर्म से जुड़ी बातें बताई गई हैं. संस्कृत विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों का मानना है कि इस चैप्टर से परीक्षा में ऐसे सवाल शामिल किए जाते हैं.
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Author: News Patna Ki
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