Madhubani News : बिहार में शराबबंदी है और लोग नशे के लिए अलग-अलग विकल्प तलाश रहे हैं। ऐसे में अवैध शराब कारोबारी भी अलग-अलग अवैध तस्करी में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। क्या आने वाले दिनों में ये कफ सिरप शराब की जगह ले लेगा और क्या बिहार के युवा शराब की लत से छुटकारा पा सकेंगे?

Madhubani News : बिहार के मधुबनी जिले में अवैध नशीली दवा और शराब के कारोबार के खिलाफ पुलिस का अभियान जोरों पर चल रहा है. इसी कड़ी में सकरी थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. गुप्त सूचना के आधार पर एनएच 27 के किनारे मोहन बढियाम भरारी टोल पर छापेमारी की गई, जहां गेहूं के खेत में छिपाकर रखे गए प्रतिबंधित कफ सिरप का जखीरा बरामद किया गया. लेकिन जैसे ही तस्कर को पुलिस की भनक लगी, वह मौके से फरार हो गया. यह घटना न केवल पुलिस की सतर्कता को दर्शाती है बल्कि जिले में अवैध कारोबार की गहरी जड़ें भी उजागर करती है।
खेत से मिला प्रतिबंधित सिरप का जखीरा
सकरी थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि मोहन बढियाम गांव निवासी शराब कारोबारी अमित कुमार उर्फ राणा अपने घर के आसपास प्रतिबंधित नशीली दवाओं का कारोबार कर रहा है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसके घर के समीप भरत साह के गेहूं के खेत में छापेमारी की।
वहां से तीन कार्टन में कुल 275 बोतल ट्रिप्रोलिडीन हाइड्रोक्लोराइड और कोडीन फॉस्फेट सिरप (कॉर्कॉफ-सी) बरामद किया गया। यह सिरप मादक पदार्थ की श्रेणी में आता है और इसकी बिक्री पर सख्त प्रतिबंध है। आपको बता दें कि इस दौरान बरामद कुल 27.5 लीटर मादक पदार्थ को जब्त कर लिया गया। इस पुलिस टीम में अपर थानाध्यक्ष दीपू कुमार, इसमें सब इंस्पेक्टर लक्ष्मण चौबे, वीरेंद्र यादव व सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।
तस्कर फरार, पुलिस की तलाश जारी
छापेमारी की खबर फैलते ही अमित कुमार उर्फ राणा फरार हो गया। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। मधुबनी में इस तरह की कार्रवाई पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले भी जिले के अलग-अलग इलाकों में अवैध मादक पदार्थ बरामद होते रहे हैं, लेकिन हर बार तस्करों का फरार होना सवाल जरूर खड़ा करता है।
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सहायक औषधि नियंत्रक कार्यालय पर उठे सवाल
बता दें कि इस घटना ने एक बार फिर मधुबनी जिले के सहायक औषधि नियंत्रक कार्यालय की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं प्रतिबंधित दवाओं का व्यापार इतने बड़े पैमाने पर कैसे फल-फूल रहा है?
स्थानीय लोगों का कहना है कि “जिले में पान की दुकानों की तरह दवा की दुकानें खुल गई हैं, जहां बिना किसी रोक-टोक के प्रतिबंधित दवाएं बेची जा रही हैं।” सहायक औषधि नियंत्रक कार्यालय पर आरोप लग रहा है कि इसके अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह हैं। नतीजा यह है कि दवा माफिया बेखौफ होकर अपना कारोबार चला रहे हैं और फल-फूल रहे हैं।
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पुलिस की सतर्कता और चुनौतियां
बता दें कि सकरी थाने का यह अभियान जिले में शराब और अवैध नशा कारोबारियों के खिलाफ चल रहे अभियान का ही हिस्सा है। पुलिस की सक्रियता से साफ है कि वह अपराधियों पर नकेल कसने की कोशिश कर रही है, लेकिन तस्करों के लगातार फरार होने और ड्रग कंट्रोलर ऑफिस की निष्क्रियता इस लड़ाई को मुश्किल बना रही है।
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यह सिर्फ कानून व्यवस्था का मामला नहीं है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा सवाल भी है। प्रतिबंधित दवाएं युवाओं को नशे की ओर धकेल रही हैं, जिसका असर जाहिर तौर पर पूरे समाज पर पड़ रहा है।

Author: News Patna Ki
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