Patna Beur Jail : पटना के बेउर जेल में एक बार फिर कुख्यात अपराधी के पास से मोबाइल फोन और चार्जर बरामद हुआ है. बेउर जेल अधीक्षक ने अचानक जेल में छापेमारी की.

Patna Beur Jail : पटना के बेउर जेल में कुख्यात अपराधियों की मौज चल रही है। क्योंकि, उन्हें जिन चीजों से दूर रखने के लिए जेल भेजा गया है, वो उन्हें आसानी से मिल जा रही हैं। ऐसे में उन्हें इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है कि वो जेल के अंदर हैं या बाहर। अब एक छापेमारी के जरिए इस बात का खुलासा हुआ है। आइए जानते हैं क्या है पूरी खबर?
दरअसल, पटना के बेउर जेल में बंद अपराधी आराम से जेल में स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। स्मार्ट फोन के सहारे वो जेल के अंदर से ही अपना गैंग चला रहे हैं। पुलिस ने इन अपराधियों के पास से चार स्मार्ट फोन बरामद किए हैं। ये मामला आदर्श केंद्रीय कारा बेउर के गोदावरी वार्ड का है। जहां जेल प्रशासन ने अचानक छापेमारी की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।
बताया जा रहा है कि नाला रोड के कुख्यात अपराधी रवि गोप के बेड से चार स्मार्टफोन और दो चार्जर बरामद किए गए। बताया जा रहा है कि सभी मोबाइल उसके बेड पर रखे हुए थे। बेउर जेल में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक ही कैदी के पास से एक साथ चार स्मार्टफोन मिले हैं। जेल प्रशासन ने कुख्यात रवि गोप के वार्ड की 2 घंटे तक जांच की।
बताया जा रहा है कि रवि गोप इंटरनेट कॉलिंग के जरिए अपने गिरोह के सदस्यों से संपर्क में था और जेल के अंदर से ही आपराधिक घटनाओं की साजिश रच रहा था। अब प्रभारी मुख्य उच्च कक्षपाल गिरिज यादव की लिखित शिकायत के आधार पर उसके खिलाफ बेउर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। फिलहाल उसे उच्च सुरक्षा सेल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
जेल अधीक्षक नीरज कुमार झा ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई। सूत्रों के अनुसार पटना शहर में हाल में हुई आपराधिक घटनाओं में पकड़े गए अपराधियों से जब्त मोबाइल की जांच के दौरान पता चला कि रवि गोप जेल से ही उन अपराधियों के संपर्क में था। इसके बाद पुलिस की सूचना पर सक्रिय हुए जेल प्रशासन ने गोड़वारी प्रखंड स्थित रवि गोप के वार्ड में सघन छापेमारी की।
बरामद मोबाइल की जांच की जा रही है, ताकि पता लगाया जा सके कि वह किन अपराधियों के संपर्क में था, किन घटनाओं की योजना बना रहा था और किससे रंगदारी मांगी जा रही थी। इन सबके बीच अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि रवि गोप के वार्ड में चार स्मार्टफोन कैसे पहुंचे?
क्या इसमें जेल कर्मियों की मिलीभगत थी या किसी बाहरी व्यक्ति की मदद ली गई? बताया जा रहा है कि रवि गोप को आखिरी बार 2 अप्रैल को सिविल कोर्ट में सुनवाई के लिए ले जाया गया था। अब जांच कमेटी यह भी पता लगाएगी कि क्या कोर्ट में ही उसे मोबाइल सौंपा गया था।
आपको बता दें कि अगस्त 2022 में एसटीएफ ने रवि गोप को नागपुर से गिरफ्तार किया था. उस समय उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था और वह 16 साल से फरार था. पटना के कदमकुआं, पीरबहोर और फुलवारीशरीफ थाने में उसके खिलाफ कुल 16 एफआईआर दर्ज हैं. वह बीजेपी नेता क्रांति, संग्राम सिंह और अशोक गुप्ता हत्याकांड जैसे चर्चित मामलों में आरोपी है.
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Author: News Patna Ki
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