बिहार के मुंगेर जिले में एक दर्दनाक और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक परिवार को अपने मृत रिश्तेदार को बाइक पर ले जाना पड़ा। दरअसल, सरकारी अस्पताल में शव वाहन की सुविधा न होने के कारण यह स्थिति पैदा हुई।
मानवता को शर्मसार कर देने वाली यह घटना पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया से आ रही है जहां एक 60 वर्षीय व्यक्ति की मौत के बाद उसे शव वाहन नहीं मिला और परिजन शव को मोटरसाइकिल पर ही घर ले गए जिसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. जब शव को बाइक पर लादकर घर लाया जा रहा था तो किसी ने मोबाइल से वीडियो बना लिया जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को देखकर हर कोई हैरान है और सरकार के दावों पर सवाल उठा रहा है. हालांकि फर्स्ट बिहार वायरल इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर होने का दावा सरकार हर दिन करती है. लेकिन यहां उसकी सारी व्यवस्थाएं सिर्फ कागजों पर ही हैं. सरकार का यह दावा पश्चिम चंपारण में खोखला नजर आता है. सरकारी कर्मचारी भी सारी व्यवस्थाएं सिर्फ कागजों पर ही दिखाते रहते हैं. हम बात कर रहे हैं एक ऐसे शख्स की जो किसी तरह अपनी जान बचाकर तो चला गया लेकिन मरने के बाद भी उसे सरकार की तरफ से शव वाहन नहीं मिल पाया जिससे वह अपने घर पहुंच सके.
आपने सुना होगा कि अस्पताल से शव को निजी वाहन, शव वाहन या एंबुलेंस से घर ले जाया जाता है. लेकिन एक परिवार ऐसा भी है जिसके पास शव ले जाने के लिए न तो निजी वाहन है और न ही वह वाहन के नाम पर एंबुलेंस किराए पर ले सकता है. और न ही अस्पताल की तरफ से शव वाहन मुहैया कराया गया ताकि परिजन शव को घर ले जा सकें.
चनपटिया रेफरल अस्पताल में इलाज के बाद जब परिजनों ने मृतक के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस या शव वाहन की मांग की तो अस्पताल की ओर से कहा गया कि शव ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं है। तब उसी गांव के एक समाजसेवी कमलेश ठाकुर ने शव को मोटरसाइकिल से अस्पताल से 12 किलोमीटर दूर उनके घर तक पहुंचाया।
आपको बता दें कि पश्चिमी चंपारण जिले के साठी थाना क्षेत्र के नरकटियागंज और बेतिया मुख्य मार्ग पर तेज रफ्तार अज्ञात वाहन की चपेट में आने से पैदल जा रहे इस व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। 112 पुलिस टीम द्वारा बुजुर्ग को इलाज के लिए चनपटिया रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां डॉक्टर ने बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया।
जहां अस्पताल प्रबंधन ने उसे अस्पताल से घर ले जाने के लिए कोई शव वाहन की व्यवस्था नहीं की तो परिजन शव को बाइक के बीच में रखकर अपने घर ले गए। मृतक की पहचान सेमरी पंचायत निवासी अध्याराम के रूप में हुई है। परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

Author: News Patna Ki
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