मसौढ़ी शहर में ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अनदेखी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। बिना लाइसेंस और उचित प्रशिक्षण के नाबालिग चालक तेज गति से ई-रिक्शा चला रहे हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। यातायात नियमों की अनदेखी कर चलाए जा रहे ये ई-रिक्शा न सिर्फ आम लोगों के लिए खतरा हैं, बल्कि चालकों के लिए भी जोखिम भरे हैं।

बिना लाइसेंस के वाहन चलाने की प्रवृत्ति
शहर में अधिकांश ई-रिक्शा नाबालिग चला रहे हैं। ये चालक बिना किसी अनुमति या लाइसेंस के सड़कों पर तेज गति से वाहन चलाते नजर आते हैं। यातायात पुलिस और प्रशासन की उदासीनता के कारण यह समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कई बार देखा गया है कि ई-रिक्शा चालक लापरवाही से वाहन चलाते हैं, अचानक मोड़ लेते हैं, बिना इंडिकेटर के दिशा बदलते हैं और बेवजह ब्रेक लगाकर दुर्घटनाओं को आमंत्रित करते हैं।
स्कूली बच्चों की सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा
ई-रिक्शा का उपयोग सिर्फ यात्रियों को ढोने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका उपयोग स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने के लिए भी किया जा रहा है। कई नाबालिग चालक छोटे बच्चों को स्कूल ले जा रहे हैं और वापस घर छोड़ रहे हैं, जिससे बच्चों की सुरक्षा को बड़ा खतरा पैदा हो रहा है। बिना किसी सुरक्षा मानकों का पालन किए ये चालक बच्चों से भरे वाहन को तेज गति से चलाते हैं, जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
अत्यधिक गति और हल्के वाहन की समस्या
ई-रिक्शा हल्की बैटरी और साधारण संरचना के साथ निर्मित होते हैं, जिससे यह अधिक भार सहन करने में असमर्थ होते हैं। इसके बावजूद नाबालिग चालक इन्हें तेज गति से सड़कों पर दौड़ा रहे हैं। निर्धारित गति सीमा 30 किलोमीटर प्रति घंटा होने के बावजूद कई चालक इसे अनियंत्रित गति से चलाते हैं। सड़क पर छोटे-छोटे गड्ढों या असंतुलित मार्गों पर तेज गति के कारण यह वाहन अक्सर पलट जाते हैं, जिससे यात्रियों की जान जोखिम में पड़ जाती है।
हाल में हुई दुर्घटनाएं और प्रशासन की निष्क्रियता
पिछले सप्ताह धनीचक मोड़ के पास एक नाबालिग चालक द्वारा तेज गति से ई-रिक्शा चलाने के कारण वाहन पलट गया था, जिसमें दो लोग घायल हो गए थे। इसके अलावा शहर में इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसके बावजूद प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। इस समस्या पर पुलिस की ओर से अभी तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसा लगता है कि प्रशासन कोई बड़ी दुर्घटना होने के बाद ही कोई कार्रवाई करेगा।
आवश्यक कदम और समाधान
इस समस्या से निपटने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। नाबालिगों को ई-रिक्शा चलाने से रोकने के लिए सख्त नियम लागू किए जाने चाहिए। बिना लाइसेंस और उचित प्रशिक्षण के किसी को भी ई-रिक्शा चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यातायात पुलिस को नियमित रूप से चेकिंग अभियान चलाना चाहिए और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाना चाहिए।
साथ ही स्कूल प्रशासन को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके छात्रों को लाने-ले जाने के लिए केवल अधिकृत और सुरक्षित वाहनों का ही उपयोग किया जाए। अगर प्रशासन ने जल्द ही कोई कार्रवाई नहीं की तो यह लापरवाही किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। अब समय आ गया है कि इस समस्या को गंभीरता से लिया जाए और उचित कदम उठाए जाएं, ताकि लोगों का जीवन सुरक्षित रह सके।
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Author: News Patna Ki
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