
Bihar Politics News : बिहार की राजनीति में इन दिनों महागठबंधन के भीतर चल रही खींचतान के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का दिल्ली दौरा काफी अहम माना जा रहा है। तेजस्वी 15 अप्रैल को दिल्ली के लिए रवाना होंगे, जहां वह कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
खड़गे और राहुल से करेंगे मुलाकात
तेजस्वी यादव का कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात का कार्यक्रम है। यह मुलाकात खड़गे के दिल्ली स्थित आवास पर प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि यह मुलाकात बिहार में विपक्षी दलों के बीच चल रही दरार को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम हो सकता है।
चुनाव से पहले महागठबंधन की एकजुटता पर जोर
बिहार में विधानसभा चुनाव धीरे-धीरे नजदीक आ रहे हैं। ऐसे में विपक्षी गठबंधन यानी महागठबंधन को एकजुट रखने की चुनौती सामने है। हाल के दिनों में सीट शेयरिंग, सीएम फेस और अन्य मुद्दों को लेकर घटक दलों के बीच मतभेद सामने आए हैं। इन विवादों को खत्म करने और साझा रणनीति तय करने के उद्देश्य से तेजस्वी का यह दौरा खास महत्व रखता है।
सीट शेयरिंग और नेतृत्व पर चर्चा
सूत्रों के अनुसार तेजस्वी यादव, खड़गे और राहुल गांधी के बीच बैठक में सीट शेयरिंग पर चर्चा हो सकती है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर भी चर्चा होने की संभावना है। तेजस्वी यादव को राजद ने पहले ही सीएम उम्मीदवार घोषित कर दिया है, लेकिन महागठबंधन में शामिल अन्य दलों की राय भी अहम मानी जा रही है।
राजनीतिक संदेश भी अहम
तेजस्वी का दिल्ली दौरा सिर्फ संगठनात्मक चर्चा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका बड़ा राजनीतिक संदेश भी है। कांग्रेस और राजद के शीर्ष नेताओं की इस बैठक के जरिए कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को यह संकेत देने की कोशिश की जाएगी कि महागठबंधन एकजुट है और पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है।
पिछले घटनाक्रम की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से महागठबंधन के घटक दलों के बीच तालमेल की कमी दिख रही थी। लोकसभा चुनाव में सीटों के तालमेल को लेकर भी मतभेद सामने आए थे। इसके चलते बिहार में विपक्ष कमजोर नजर आने लगा था। ऐसे समय में तेजस्वी यादव की सक्रियता और कांग्रेस नेतृत्व से मुलाकात को महागठबंधन में नई ऊर्जा भरने की कोशिश माना जा रहा है।
आगे की रणनीति
तेजस्वी यादव की इस मुलाकात के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष किस रणनीति के तहत बिहार में आगे बढ़ता है। क्या सभी दल मिलकर तेजस्वी यादव के नेतृत्व को स्वीकार करेंगे? क्या कांग्रेस और अन्य दल सीट बंटवारे को लेकर लचीला रुख अपनाएंगे? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में सामने आएंगे। फिलहाल इतना तो तय है कि तेजस्वी का दिल्ली दौरा बिहार की राजनीति में एक नए मोड़ की शुरुआत हो सकता है, जो आगामी विधानसभा चुनाव में विपक्ष की दिशा और दशा तय करेगा।
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Author: News Patna Ki
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