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Bihar Police बिहार पुलिस में 41 साल से चल रहा था बड़ा घोटाला, अब जब खेल उजागर हुआ तो बड़े अधिकारी भी हैरान

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Bihar Police : बिहार में फर्जीवाड़े का एक ऐसा मामला सामने आया है, जब दो चचेरे भाई एक ही सर्टिफिकेट पर 41 साल तक बिहार पुलिस में नौकरी करते रहे। इसका खुलासा तब हुआ, जब दूसरे भाई ने पेंशन के लिए दस्तावेज जमा किए।
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Bihar Police : बिहार पुलिस में एक बड़ा खुलासा हुआ है. यहां पिछले 41 सालों से एक बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा था. अब इसका खुलासा हो गया है. इस मामले के खुलासे के बाद पुलिस मुख्यालय के अधिकारी भी हैरान हैं. EOU अब इस मामले की जांच कर रही है. तो आइये जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?

दरअसल, बिहार पुलिस में 41 साल से घोटाला चल रहा था और हैरानी की बात यह है कि किसी भी अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लगी। यहां दो चचेरे भाई एक ही सर्टिफिकेट पर न सिर्फ 41 साल तक नौकरी करते रहे बल्कि रिटायरमेंट के बाद पेंशन का भी मजा ले रहे थे। मामला सामने आते ही ईओयू ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। इसके बाद मामले की जांच की जा रही है।

जानकारी के अनुसार ईओयू उन अफसरों की भी तलाश कर रही है, जिन्होंने इस कांड को अंजाम दिया है. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब दूसरे भाई ने पेंशन के लिए शिवहर कोषागार में कागजात जमा किया, जबकि एक भाई पहले से ही रोहतास कोषागार से पेंशन ले रहा था.

बताया जा रहा है कि रोहतास के चौडिहारा गांव के विक्रमा सिंह ने 1982 में कटिहार जीआरपी के साथ-साथ रोहतास जिला बल में भी सिपाही बहाली में सफलता हासिल की थी. लेकिन वे कटिहार जीआरपी में शामिल हुए और 2023 में गया से सेवानिवृत्त हुए. वहीं, शिवहर से विक्रमा सिंह नामक एक सब इंस्पेक्टर भी सेवानिवृत्त हुए हैं, जिनके पिता का नाम, स्थायी पता, जन्मतिथि, पैन नंबर, ऊंचाई और सीने की माप आदि बिल्कुल एक जैसी है.

बस दोनों के आधार नंबर, बैंक खाता संख्या और प्रथम योगदान स्थान में अंतर देखा गया. इधर, शिवहर से सेवानिवृत्त हुए विक्रमा सिंह की पहली नियुक्ति रोहतास जिला बल में सिपाही के पद पर हुई थी. लेकिन, जांच के दौरान शिवहर से सेवानिवृत्त विक्रमा सिंह की पहचान कैमूर के आताडीह गांव निवासी राजेंद्र सिंह के रूप में हुई, जो गया से सेवानिवृत्त विक्रमा सिंह का चचेरा भाई निकला।

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Author: News Patna Ki

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