सीबीआई की टीम दिसंबर 2022 से खुशी अपहरण कांड की जांच कर रही है। इसी सिलसिले में संयुक्त निदेशक के साथ पांच सदस्यीय सीबीआई टीम पटना पहुंची और खुशी के पिता के सामने केस के आईओ से अब तक हुई जांच की जानकारी ली।
Muzaffarpur News : मुजफ्फरपुर शहर के चर्चित छह वर्षीय बच्ची खुशी अपहरण कांड की जांच कर रही सीबीआई एक बार फिर सक्रिय हो गई है। सात फरवरी से ही वह शहर में डेरा जमाए हुए है। सीबीआई के अधिकारी लगातार जिले में घूम-घूमकर खुशी के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं।
सीबीआई के अधिकारी सोमवार की सुबह साढ़े दस बजे खुशी के पमरिया टोला स्थित आवास पर पहुंचे। उसके पिता राजन साह, मां, दादा-दादी व अन्य परिजनों से घटना के बारे में लंबी पूछताछ की। इस दौरान सीबीआई के अधिकारियों ने राजन साह के घर से सटे गली-मोहल्लों में जाकर जांच की।
घर के पास कौन-कौन से तालाब व नाले बहते हैं, इसकी भी जानकारी जुटाई गई है। पूछताछ में राजन साह ने सभी संदिग्धों के नाम बताए थे। सीबीआइ ने उनके पते का भी सत्यापन किया है। सोमवार को सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक सीबीआइ की टीम राजन साह के घर व उसके मोहल्ले की तलाशी लेती रही।
हालांकि जांच प्रभावित न हो, इसके लिए सीबीआइ ने अधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। उधर, खुशी के पिता राजन साह ने बताया कि सीबीआइ की टीम पिछले चार दिनों से शहर में कैंप कर रही है। सात फरवरी को सीबीआइ के दो अधिकारी उनके घर भी पहुंचे थे।
राजन साह का कहना है कि पहले जो मामले का अनुसंधान कर रहे थे, उन्हें बदल दिया गया है। नए आईओ उनकी बेटी के बारे में सुराग खोजने के लिए लगातार शहर में कैंप कर रहे हैं। सोमवार को भी सीबीआइ के दो अधिकारी उनके आवास पर पहुंचे थे। उनके साथ उनकी पत्नी, मां, पिता व अन्य परिजनों का भी बयान दर्ज किया गया। आसपास के मोहल्ले के लोगों से भी पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया गया।
वहीं, आईओ को उनकी बेटी के अपहरण के मामले में जेल से जमानत पर बाहर आए अमन से भी पूछताछ करनी थी। लेकिन, उसके शहर से बाहर रहने के कारण पूछताछ नहीं हो सकी। राजन साह ने बताया कि उन्होंने जिन संदिग्धों के नाम सीबीआइ को बताए हैं, उनके घरों का भी सीबीआइ सत्यापन कर रही है। जल्द ही संदिग्धों से पूछताछ की जा सकती है।
16 फरवरी 2021 को हुआ था खुशी का अपहरण
खुशी का अपहरण 16 फरवरी 2021 को ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के लक्ष्मी चौक स्थित सरस्वती पूजा पंडाल से हुआ था। इस मामले में उसके पिता राजन साह ने ब्रह्मपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। ब्रह्मपुरा पुलिस ने पहले तो जांच को गंभीरता से नहीं लिया। जब मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो पुलिस सक्रिय हुई। चार जिलों में जांच की गई।
सेंट्रल जेल में बंद आरोपी अमन और संदिग्ध राहुल का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया। लेकिन, जब कोई सुराग नहीं मिला तो मई 2022 में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई ने बाद में राजन साह का भी पॉलीग्राफ टेस्ट कराया। तब से सीबीआई लगातार इस मामले की जांच कर रही है।

Author: News Patna Ki
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