Sheohar News : इस आत्महत्या ने सभी को झकझोर कर रख दिया है, कोई भी समझ नहीं पा रहा है कि आकांक्षा ऐसा कैसे कर सकती है।

Sheohar News : शिवहर जिले के एक सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा आकांक्षा कुमारी ने शनिवार की रात आत्महत्या कर ली। आकांक्षा का शव उसके हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटकता मिला। वह मुजफ्फरपुर जिले के कांटी थाना क्षेत्र की रहने वाली थी और तारकेश्वर प्रसाद शाही की पुत्री थी। आकांक्षा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के दूसरे सेमेस्टर की छात्रा थी। इस घटना ने कॉलेज की छात्राओं को झकझोर कर रख दिया है।
आपको बता दें कि यह घटना पिपराही थाना क्षेत्र के छतौना विशुनपुर स्थित कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल में शनिवार की रात करीब 10 बजे हुई। सहपाठियों ने बताया कि आकांक्षा का व्यवहार हमेशा मिलनसार रहता था और वह सभी से मुस्कुराकर बात करती थी। घटना के दिन भी वह कॉलेज की गतिविधियों में सामान्य रूप से शामिल हुई थी। लेकिन रात में जब काफी देर तक उसका कमरा बंद रहा और सहपाठियों के बुलाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो खिड़की से झांकने पर उसका शव दुपट्टे के सहारे पंखे से लटकता दिखा। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने गेट तोड़कर शव को नीचे उतारा।
इस घटना की सूचना मिलते ही डीएम विवेक रंजन मैत्रेय, एसपी शैलेश कुमार सिन्हा, एसडीएम अविनाश कुणाल, एसडीपीओ सुशील कुमार और पिपराही थाना प्रभारी सुबोध कुमार मेहता मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और परिजनों को सूचना दी। थाना प्रभारी ने बताया कि परिजनों का इंतजार किया जा रहा है। आत्महत्या के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन पुलिस सहपाठियों और दोस्तों से पूछताछ कर रही है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है।
हालांकि कुछ ऐसी बातें भी सामने आई हैं जो कॉलेज की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती हैं, आकांक्षा के पिता द्वारा दिए गए आवेदन में बताया गया है कि आकांक्षा की मौत की सूचना उन्हें उसकी एक सहपाठी ने दी थी लेकिन कॉलेज प्रशासन द्वारा परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई, इतना ही नहीं परिवार को आकांक्षा के शव के पास जाने से भी रोका गया, इससे पहले आकांक्षा को इलेक्ट्रिकल विभाग के फैकल्टी प्रोफेसर सनथ द्वारा कॉलेज से निकालने की धमकी दी गई थी. छात्रा के पिता का आरोप है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है.
यह घटना बिहार में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक दबाव पर गंभीर सवाल खड़े करती है. हाल के वर्षों में कोटा, कानपुर और अन्य शैक्षणिक केंद्रों में छात्रों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी हैं. क्या आकांक्षा भी किसी दबाव में थी? क्या कॉलेज प्रशासन ने उसके व्यवहार में कोई बदलाव देखा? इन सवालों के जवाब जांच के बाद ही मिलेंगे। उम्मीद है कि पुलिस जल्द से जल्द इस मामले की तह तक पहुंचेगी और अगर कोई वाकई इसमें दोषी है तो उसे सख्त से सख्त सजा दी जाए.
ऐसी घटनाएं समाज और शिक्षण संस्थानों के लिए चेतावनी हैं। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना और उन्हें काउंसलिंग की सुविधा प्रदान करना बहुत ज़रूरी है। अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को आत्महत्या के ख़याल आ रहे हैं या किसी बात को लेकर बहुत परेशान लग रहा है, तो तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 या टेलीमेन हेल्पलाइन 1800914416 पर संपर्क करें।
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Author: News Patna Ki
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