Muzaffarpur News : मुजफ्फरपुर नगर निगम ने प्रतिष्ठित संरचनाओं के निर्माण के लिए शहर के जूरन छपरा, इमलीचट्टी, सिकंदरपुर चौक, मोतीझील पुल और लक्ष्मी चौक का चयन किया है।
Muzaffarpur News : बिहार के ऐतिहासिक शहर मुजफ्फरपुर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान दिलाने के लिए नगर निगम ने अहम पहल की है। शहर के पांच प्रमुख चौकों पर धार्मिक, ऐतिहासिक और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हस्तियों और स्थलों की स्मृति को संजोने के लिए ऐतिहासिक संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य शहर के गौरवशाली अतीत को संजोना और नई पीढ़ी को इससे अवगत कराना है।
नगर निगम आयुक्त विक्रम विरकर ने पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखकर एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी करने की मांग की है। इन संरचनाओं के निर्माण के लिए जूरन छपरा, इमलीचट्टी, सिकंदरपुर चौक, मोतीझील पुल और लक्ष्मी चौक का चयन किया गया है। इससे पहले नगर निगम की स्थायी समिति ने मोतीझील पुल और लक्ष्मी चौक के त्रिमुखानी इलाके में प्रतिष्ठित संरचनाओं के निर्माण को मंजूरी दी थी। ये प्रतिष्ठित संरचनाएं शहर की विरासत को दर्शाएंगी
नगर निगम के प्रस्ताव के अनुसार, हर चौक-चौराहे पर शहर की पहचान से जुड़ी एक खास आइकॉनिक संरचना बनाई जाएगी। मुजफ्फरपुर की शाही लीची विश्व प्रसिद्ध है और इसे जीआई टैग भी मिला है। इस ऐतिहासिक फल के सम्मान में लक्ष्मी चौक पर लीची की एक विशाल आइकॉनिक संरचना बनाई जाएगी। यह न सिर्फ स्थानीय लोगों बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगी।
मोतीझील पुल के ऊपर बाबा गरीबनाथ मंदिर की स्थापना से जुड़ी ऐतिहासिक घटना को दर्शाती एक प्रतीकात्मक संरचना बनाई जाएगी। यह संरचना रक्त से लथपथ बरगद के पेड़ की याद दिलाएगी, जो इस क्षेत्र के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है।
शहर में स्थापित दाता कंबल शाह मजार सांप्रदायिक सद्भाव और शांति का प्रतीक माना जाता है। इस स्थल पर शांति और सद्भावना का संदेश देने के लिए एक विशाल कबूतर की प्रतीकात्मक संरचना बनाई जाएगी। यह संरचना भाईचारे के प्रतीक के रूप में काम करेगी।
स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शहीद खुदीराम बोस और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को जीवित रखने के लिए एक विशेष प्रतीकात्मक संरचना बनाई जाएगी। यह संरचना आजादी की भावना को दर्शाती है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।
नगर निगम की इस पहल को जल्द ही मूर्त रूप देने के लिए पथ निर्माण विभाग से अनुमति ली जा रही है। कार्यपालक अभियंता गणेश कुमार ने कहा कि शहर के सौंदर्यीकरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है और विभाग एक सप्ताह के अंदर एनओसी जारी करने की प्रक्रिया पूरी कर लेगा। एनओसी मिलते ही नगर निगम निर्माण कार्य शुरू कर देगा।
नगर निगम की इस ऐतिहासिक पहल पर मेयर निर्मला साहू ने कहा, “आने वाली पीढ़ियां मुजफ्फरपुर की पहचान वाली चीजों को न भूलें, इसके लिए यह जरूरी कदम उठाया गया है। बाबा गरीबनाथ, लीची, दाता कंबल शाह और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करना हमारा कर्तव्य है।” इस पहल से न सिर्फ शहर की ऐतिहासिक धरोहरें संरक्षित होंगी, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। आने वाले समय में ये स्थान शहर के आकर्षण का केंद्र बनेंगे, जहां स्थानीय लोग और पर्यटक इन स्थानों के ऐतिहासिक महत्व को जान सकेंगे।

Author: News Patna Ki
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