Bihar News : प्रसिद्ध महावीर मंदिर में मिलने वाला नैवेद्यम प्रसाद अब श्रद्धालुओं को पहले से महंगा मिलेगा। मंदिर प्रबंधन ने रामनवमी से पहले नैवेद्यम लड्डू समेत विभिन्न पूजा और वाहन पूजा की दरों में बढ़ोतरी की है। ये नई दरें 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो गई हैं।

Bihar News : नैवेद्यम प्रसाद की नई कीमतें
मंदिर प्रशासन ने नैवेद्यम की कीमत में 30 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी की है। अब यह प्लास्टिक के डिब्बे में 380 रुपये प्रति किलो और कार्टून डिब्बे में 360 रुपये प्रति किलो की दर से मिलेगा। पहले इनकी कीमत क्रमश: 350 रुपये और 330 रुपये थी। छोटी पैकिंग के दाम भी बढ़ाए गए हैं। 500 ग्राम के कार्टून बॉक्स की कीमत 165 रुपये से बढ़कर 180 रुपये और 250 ग्राम के बॉक्स की कीमत 83 रुपये से बढ़कर 90 रुपये हो गई है।
महंगाई के कारण दामों में बढ़ोतरी
मंदिर अधीक्षक के. सुधाकरन के अनुसार, नैवेद्यम प्रसादम में इस्तेमाल होने वाली सामग्री- घी, चीनी, बेसन, काजू, किशमिश और इलायची की बढ़ती कीमतों के कारण यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा पूजा और अनुष्ठानों की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि पुजारियों की सेवा और पूजा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की लागत बढ़ गई है।
अन्य पूजाओं की नई दरें
मंदिर में की जाने वाली विभिन्न पूजाओं की दरों में भी संशोधन किया गया है। रुद्राभिषेक (तीन घंटे) की पहले 5,100 रुपये की कीमत थी, अब 5,610 रुपये में होगी। सत्यनारायण पूजा की कीमत 1,100 रुपये से बढ़ाकर 1,210 रुपये कर दी गई है। इसी तरह रामार्चा पूजा और हनुमान पूजा की कीमत अब 2,310 रुपये होगी, जो पहले 2,100 रुपये थी।
वाहन पूजा और मुंडन संस्कार भी महंगा
मंदिर में होने वाली वाहन पूजा की दरों में भी बढ़ोतरी की गई है। अब बाइक पूजा के लिए 115 रुपये देने होंगे, जबकि पहले 101 रुपये देने पड़ते थे। चार पहिया वाहन की पूजा की कीमत 251 रुपये से बढ़ाकर 275 रुपये कर दी गई है। मुंडन संस्कार की कीमत 501 रुपये से बढ़ाकर 550 रुपये कर दी गई है।
दरिद्रनारायण भोज की नई कीमत
मंदिर में सामान्य दिनों में होने वाले दरिद्रनारायण भोज की कीमत में भी बढ़ोतरी की गई है। पहले यह 1,100 रुपये में होता था, लेकिन अब इसके लिए 1,210 रुपये देने होंगे।
नैवेद्यम की शुद्धता और प्रमाणिकता
महावीर मंदिर का नैवेद्यम तिरुपति मंदिर समेत तमिलनाडु और कर्नाटक के कारीगरों द्वारा तैयार किया जाता है। इसकी शुद्धता और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस प्रसाद को भारत सरकार का ‘भोग’ प्रमाण पत्र भी मिला है।
नैवेद्यम बनाने के लिए नंदनी घी का इस्तेमाल किया जाता है और हर तीन महीने में FSSAI द्वारा इसकी जांच की जाती है। इसके अलावा नैवेद्यम तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पानी की भी लैब में जांच की जाती है ताकि इसकी गुणवत्ता बनी रहे।
पहले भी बढ़े थे दाम
इससे पहले 23 अक्टूबर 2022 को नैवेद्यम के दाम बढ़ाए गए थे। इस बार बढ़ोतरी से भक्तों को ज्यादा खर्च करना पड़ेगा, लेकिन मंदिर प्रशासन का कहना है कि लागत बढ़ने के कारण यह फैसला लिया गया है।
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Author: News Patna Ki
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